द फॉलोअप डेस्क
रिम्स के पूर्व निदेशक डॉ. राजकुमार ने अपने पद से हटाए जाने को लेकर झारखंड हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। उन्होंने इस फैसले को नैसर्गिक न्याय और रिम्स नियमावली-2002 का उल्लंघन बताते हुए चुनौती दी है। याचिका में डॉ. राजकुमार ने कहा कि उनकी नियुक्ति 3 साल के कार्यकाल के लिए हुई थी, लेकिन बिना पक्ष सुने झुठे आरोपों के आधार पर उन्हें पद से हटा दिया गया।
डॉ. राजकुमार का कहना है कि उन्होंने अपने कार्यकाल में किसी तरह की लापरवाही नहीं की। उनका दावा है कि उन्होंने जीवन भर ईमानदारी से काम किया, फिर भी उन पर बेबुनियाद आरोप लगाए गए। उन्होंने अदालत से पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की मांगी की है और कहा कि यह फैसला नियमों के खिलाफ है।
डॉ. राजकुमार ने याचिका में रिम्स शासी परिषद के अध्यक्ष और राज्य के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी द्वारा दिए गए 17 अप्रैल के आदेश को भी रद्द करने की मांग की है। उस आदेश में कहा गया था कि डॉ. राजकुमार ने निदेशक रहते हुए मंत्रिपरिषद और शासी परिषद के निर्देशों का पालन नहीं किया और उनकी सेवा संतोषजनक नहीं रही। इसी आधार पर उन्हें 3 माह का वेतनभत्ता देकर तत्काल प्रभाव से पद से हटाया गया था।